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रोये भी वो इस कदर जो के संभाले भी ना गए, हाल पूछने आए थे मेरा , फिर खुद ही बेहाल हो गए

ASHUTOSH DANGI


रोये भी वो इस कदर जो के संभाले भी ना गए,
हाल पूछने आए थे मेरा ,

फिर खुद ही बेहाल हो गए ।


एक सांस मे कितना कुछ कह गए , 

के फिर वर्षो तक ना सुन सके, 

इतने भी बेकार ना थे हाल उनके जितना केहर वो मचा गए ।।


                                              ~ आशुतोष दांगी 

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