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गुस्ताख नजरे उसकी क्या कमाल थी , दूसरो को देख ले तो मेरे दिल



गुस्ताख नजरे उसकी क्या कमाल थी , 
दूसरो को देख ले तो मेरे दिल मे आग लगा देती ।।


और मुझे देख ले तो जन्नत से मिला देती।।


                              ~ आशुतोष दांगी 

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