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एक सफर ये भी कमाल हैं,

सबकुछ पास हैं लेकिन कुछ भी ना पास हैं।।


किसे सुनाएं कहानी तेरे ना होने की ,

तू हैं कहीं आसमानों में दूर कहीं तेरे होने जैसा बस

अहसास हैं ।।


कुछ तो मुस्कुराता चेहरा मेरा ख़ुदा को भी नहीं भाता हैं,

जो मैं ज़रा सा मुस्कुरा दूं तो वो मेरी मुस्कुराहट छीन लेता हैं ।।

                                    ~~ आशुतोष दांगी

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