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परिंदों को शौक हैं,ऊंची उड़ान भरने का ,

हर किसी के नसीब में आसमान नहीं ।।


कुछ चाहते हैं कैद हो जाना ,

हर किसी की मंजिल ये खुला आसमान नहीं ।।


कुछ लोग अक्सर तन्हाई को पसंद करते हैं,

उन्हें महफिलों कि भीड़ में नज़र सब आते हैं ,

लेकिन उस भीड़ में उनका अपना कोई नहीं ।।

                                         ~~ आशुतोष दांगी 


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