Header Ads

Best hindi shayari 

आपके लिए लाएं है top 15 trending viral shayari 

ऐसी 15 शायरी आपको कहीं पर भी नहीं मिलेंगी , ये गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की गई हैं। ये पेज आपके लिए पेश करता हैं। प्यार भरी रोमांटिक,हिंदी ,उर्दू और दिल टूटने पर आपका साथ दे वे अल्फ़ाज़।।

ये पेज आपके मनोरंजन और शायरी की दुनिया में खो जाने के लिए बेस्ट हैं।।

इसमें आप अपने पार्टनर को अपने ज्यादा क़रीब और हमेशा अपने साथ पाएंगे ।।


हम आप को एक साथ लाने के लिए हमेशा तात्पर्य हैं।।

%% पेश हैं टॉप 15 बेस्ट heart touching shayari %%


1-: तुम कोशिश करते थोड़ी जल्दी आने कि,

हम साँसों को जिंदा रख लेते ,

हमने हर नाकाम कोशिश कि आख़िरी झलक पाने को तेरी ,

मैंने आँखें खोल रखी थी ,

मोहब्बत के दुश्मनों ने जनाजे पर लौटाते हुएं इन्हें बंद करदी ।।




2-: अब तो तुम्हें कोई शिकायत ना होगी हमसे,

हम शिकायतों के इस शहर से कोसों दूर चलें,

तुम ख़ुदा से क़रीब थें हमको ,

बस अब हम ख़ुदा के पास चले ।।

ये मलाल भी ना रखना दिल में ,

कि आख़िरी मुलाक़ात न हुईं ,

हमसे तेरी आंखों में आंसु देखे ना जाते,

जो देख लेते अंतिम क्षणों में तुम्हें,

फिर ख़ुदा के घर ना आ पाते।।





3-: वो आयेगा मेरे जाने के बाद ,

उससे यूं पूछताछ ना करना 

जनाजे को देख मेरे वो नदियां भर जाएगां 

उसके अश्रुओं का हिसाब ना लेना ।।




4-: हम तुमसे जुदा होना तो नहीं चाहते ,

ख़ुदा की मर्जी भी हम नहीं चाहते ।।


मुकम्मल इश्क़ को तन्हा करना नहीं चाहते,

शायद अब हमें जाना होगा ,

ये हंसते खिलखिलाते चेहरे ख़ुदा को भी नहीं भाते।।




5-:जनाजे को देख मेरे वो बिफर ही गया ,

जो कहता था कभी कि फ़र्क नहीं पड़ता जाने से तेरे ।।

आंखे भर ही आईं उसकी भी ,

जो पत्थर बना रहता था हमेशा ।।

उसकी यादों में तमाम खुशियां थी ,

मैं उसके भाग्य का बुरा हिस्सा बन ही गया

जिसे उसने नकारा हमेशा ।।



6-: किसी के घर का रौशन चिराग हैं वो ,

मैं आवारा सा परिंदा हूं ,

जिसका ना कोई आस्मां अपना ,

ना कोई जमीन का किनारा ।।



7-: समंदर को गुमान ये भी था कि उससे विशाल कोई नहीं ,

जो आसमां ने पंख फैलाएं तो इसके आगे फिर कोई नहीं।।




8-: किसी के घर का रौशन चिराग हैं वो ,

मैं आवारा सा परिंदा हूं ,

जिसका ना कोई आस्मां अपना ,

ना कोई जमीन का किनारा ।।



9-: कभी बैठ तो जाने तू यूं दूर से क्या तकता हैं,

आसमान में एक दफा मैंने भी देखा था , ।।

चाँद बड़ा सुंदर दिखता हैं 

ग़म इसको भी तमाम जो करीब से देखा मैंने तो जाना फ़िर क्यों पूर्णिमा के बाद अमावस्या होती हैं।।




 10-: ना जाने क्या रोग ले आएं हैं हम इश्क़ कर आएं हैं हम,

ख़ुद को फना कर आएं हैं हम इश्क़ कर आएं हैं हम ।।

ज़माने से बेगाने हो आएं हैं हम इश्क़ कर आएं हैं हम ,

तबाही का आलम अब तो ना पूछों इश्क़ कर आएं हैं हम।

 ख़ुद को खुद से जुदा कर आएं हैं हम इश्क़ कर आएं हैं हम ।।




11-: किसी के दिल अब तुम बन ही जाना ,

दर्द को तुम भी जान जाना ,

क्या गुजरती हैं दिल पे जाने के बाद दिल ये तुम भी जान जाना ।।




12-: कोई ख़ुदा बन गया इश्क़ में कोई काफ़िर ही बनके रह गया ,

उनको मंज़िल मिल ही गई मैं बस सफ़र में रह गया ।।

उन्हें हक़ थे दिलों से खेलने का ,

हमनें बस उन्हें रखा और तमाशा सरेआम हो गया ।।



13-: आओ जरा दूर तक साथी हो जाएं ,

तन्हा हम तुम्हारे हो जाएं ।।

गुजरा जो दौर अकेले अब तुम उसका सहारा हो जाओ 

आवारा हम हैं तुमसे मिल जाएं,

तो एक घर हो जाएं ।।




14-: उनके चेहरे कि चमक इतनी भी कम नहीं थी ,

चाँद से मिलाया चेहरा तो फ़ीका चाँद का रंग पड़ गया ।।




15-: उन्हें इश्क़ लिखने में क्या हर्ज हैं,

काले बादलों सी उसके जुल्फ हैं।।


वो जो मुस्कुराता हैं तो गुलाब शर्माता हैं,

जो देख ले आंख भर के किसी को वो मोहिनी हो जाता हैं।।



~~आशुतोष दांगी 





कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.