Top 15 Best shayari , हम पेश करते हैं शायरी कि दुनिया हिलाने वाली बेस्ट शायरी,
ये शायरी आपको सोचने पर मज़बूर कर देगी ।
आपके सोचने कि क्षमता को बदल देगी , शायरी सही मायने में क्या होती हैं आपको बताएंगी,
शायरी सिर्फ शब्द ही नहीं होते वे आपके जज़्बात होते हैं, जो शब्दों के अंदाज़ में निकल आते हैं। जो आप महसूस करते हैं। उसे आसान और जज़्बात के तरीके को शब्दों से पेश कर सकते हैं।।
1 ) मेरे जाने के बाद उसका ख्याल रखना ,
उसके आंखों से सागर बहेगा,
बस उस सागर से बचना,
वो सबकुछ तबाह करने को आतुर होगा ।।
मेरे ना होने पे जो उसका हाल होगा,
वो किसी और का ना होगा ।।
जो कभी बिखरते नहीं ,
उसके बालों का भी फिर ना जाने कैसा बुरा हाल होगा ।।
जिन आंखों कि ख़ूबसूरती काजल बनाता हैं,
फ़िर ना जाने वो भी कैसा फ़ैला होगा ।।
बड़ी खूबसूरत हैं पूर्णिमा के चाँद सी उसकी सूरत,
मेरे ना होने पर वो भी ग्रहण सा होगा ।।
2 ) हम इश्क़ के दहलीज की आख़िर हद थे,
इसके बाद बस बेबस थे ।।
हम इश्क़ को मज़हब,
और तुझे धर्म समझते थे ।।
हम कैद में रहकर भी ख़ुद को महफूज समझते थे,
वे खुले आसमान में भी ख़ुद को कैद समझते थे ।।
3 ) वे इश्क़ के मक़सद से नज़र आएं ही नहीं ,
हमने इश्क़ के सिवा कुछ सोचा ही नहीं ।।
उन ने वफ़ा का इरादा किया ही नहीं ,
हमने वफ़ा के आगे कुछ सोचा ही नहीं ।।
4 ) उसका हाल सोच के भी हमारी रूह कांप जाती हैं,
जाने मेरे जाने के बाद क्या उसका हाल होगा ।।
जो नादानियां करती हैं मेरे सामने ,
जाने फ़िर वो ज़माने से समझदार सी होगा ।।
5 ) उनके गालों कि चमक को भूलेंगे कैसे ,
उसके पंखुड़ियों से होंठों को ,
फिर निहारेंगे कैसे ।।
हम जो उसको देखें बिना एक पल रह ना रह पाते हैं,
जब वो होगा नहीं तो जाने हम जिएंगे कैसे।।
6 ) अब तो रब से ये दुआं करें,
जो हासिल हैं बस उसी में खुश रहा करें ।।
कुछ और मांगने कि अब इच्छा नहीं ,
जितना हैं उसी में उम्र को बिता दें ,
अपने आप को ख़ुदा के हवाले करें ।।
7 ) ये भी क्या कमाल हैं कुछ तो कर आएं हैं,
वो जानता भी नहीं उसके नाम ,
अपना अब कुछ भी बचा,
एक दिल और उसकी हक़ीक़त ,
सब उसके नाम कर आएं हैं।।
8 ) हम घर को भी अपने जेहन से ना निकाल पाएं ,
और लोगों ने हमें अपने दिल में भी रखना मेहफूज ना समझा ।।
हम उनको ही बस याद करते रहें,
और उन ने हमें सबसे पहले भुला दिया ।।
ये दौर ये वक्त अब ना जाने किस डगर ले जायेंगे,
चले थे जिस फिजा के साथ अब तो लगता हैं उसके विपरीत ही हो जाएंगे ।।
अब हम पतन का रास्ता अपनाएंगे सब कुछ यहीं छोड़ जाएंगे ।।
9 ) वो रोता ही रहा आंख भरके ,
वो इस उम्मीद में था कि में पीछे मुड़कर देखूंगा जरूर ।।
जो मैं देख लेता एक नज़र फिर कहर बरसता इस कदर ,
भरी आंखों में फिर मंज़र तबाही का समा जाता ,
मैं अपने आपे से बाहर आ जाता विनाश को फैला जाता ,
आंखे फिर लाल होती आबादी फ़िर ना पास होती ,
सब ही फ़िर दूर होता मैं मनुष्य ना होकर नरभक्षी होता ।।
यह सब तबाही का अलम होता ,
शायद इसीलिए मैं उसकी उम्मीद तोड़ आया ,
मैं उसे रोता ही छोड़ आया ।।
10 ) वो चाहता ही नहीं हैं कि मैं अंदाज़ को अपने बरक़रार रखूं,
मेरे अंदाज़ ए बयां में नर्मी कहां ।।
वो मानता अहिंसा को मेरे जेहन में हिंसा के सिवा कुछ नहीं ,
वो बातें करता नरम मिज़ाज कि,
मैं और नर्मी ये बातें मुझे लगती हैं बस मजाक कि।।
11 ) रास्ता उसकी गली का बदल दिया मैंने,
जब से उसने नजरे चुराना शुरू किया ।।
मैं मोहब्बत को फना कर ही आया ,
जब से उसने बिछड़ने का इरादा किया ।।
वो चाहता कैद दीवारों में रहना कहीं ,
मैंने उसके पंख बनने का इरादा किया ,
कहां से लाएं मुर्दे में जान ,
उसने मुर्दा बने रहने का जब इरादा किया ।।
12 ) हमसफ़र यूं भी अच्छा नहीं होता ,
जी हजूरी करने वाला अक्सर अच्छा नहीं होता ।।
पत्ते कितने भी बढ़ जायें साख से ,
उनका औदा साख से बड़ा नहीं होता ।।
13 ) किसी कि याद बन रहें हो ,
क्या कमाल बन रहें हो ।।
जो दिखता था मुझे मेरे रब जैसा ,
उस से भी लाज़वाब बन रहें हो,
तुम हक़ीक़त में मेरे यार बन रहें हो ।।
14 ) नज़र के तीर चलाने वाले भी अब ,
नज़रों से बच रहें हैं।।
हम नज़र मिलाने से डरते थे कभी ,
अब वो भी हमसे नज़र मिला रहें हैं ।।
घायल करने के इरादे से उतरें थे वे ,
अब मरीज बनके मिल रहें हैं ।।
15 ) खैर छोड़ो उनकी बातें,
रब ही जाने उनकी बातें।।
जो उलझा लेते थे हमें कभी ,
अब कर रहें हैं
ना जाने कैसी बातें।।
बड़ा गुरुर हैं उन्हें अपने आप पर ,
चलो कर लेते हैं फिर तुम्हारे जैसी बातें।।
~~आशुतोष दांगी
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