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Heart break shayari


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Heart break shayari-: बेस्ट हार्ट शायरी , आपके लिए लाएं हैं हम top 15 sad shayari, जो कि बेवफाओं के लिए हैं। इसमें हमने दिल टूटने के बाद जो दर्द होता हैं उसे लिखा गया हैं ।।


 1 ) चांद भीं आख़िर कब तक ख़ूबसूरत रहता ,

      लोगों ने अपने महबूब को इस से आंकना क्या चालू किया ।।


     चाँद ने अपनी ख़ूबसूरती समेट ली ,

     एक दाग़ अपने तासीर पर इसने लगा लिया ।।



2 ) मन भीं शांत कब तलक रहता ,

      ज़माने ने सितम इस क़दर ढाए ।।


       हम कुछ न करने के मन पर भीं,

       बहुत कुछ ख़त्म कर आएँ ।।



3 ) हमारे क़िरदार को यूं भीं बयां ना करना ,

     हम ने एक अरसे से खुशियों से दोस्ती नहीं की ।।


     अब जो हम मुस्कुराने लगें,

      तो हम से ऐतबार ना करना ।।



4 ) वक़्त बुरा हो तो क्या कीजियें ,

     शांत बने रहिएं बस और क्या कीजियें ।।


     

5 ) चांद चांदनी बिखेरने लगें,

     तो मन भीं खिल खिलाने लगें ।।


     शांत चित होनें लगें,

     सब कुछ आनंद होनें लगें ।।



6 ) किसी से ये ना कहना कि ,

     हम क्या कर गुजरें ।।


     हालत साथ ना थें ,

     फ़िर भीं हम इन हालातों से निकल गुजरें।।



7 ) आबाद होना भीं अब कहाँ ख़ैर अच्छी बात हैं,

     आबाद रहने वालों को लोग अच्छी निग़ाह से कहा देखते हैं ।।



8 ) हम आख़िरी दहलीज पर थें ,

     उसके पहले सारी हदें कूद आएं थें हम,

     अब मंज़िल के हक़दार केवल हम थें।।



9 ) दूर शहर एक घर हैं मेरा ,

     उस घर के अलावा कुछ नहीं हैं मेरा ।।

     

     मैं आसमान का मुसाफ़िर हूं ,

     इस धरा पे अब हक़ नहीं हैं मेरा ।।



10 ) मुझको ग़लत ना जान ,

       मैं तेरे हक़ में दलीलें पेश करनें आया हूं 

       इंसाफ़ की बातें तेरे नाम करने आया हूं ।।



11 ) हमें ज़माने से ग़ैर ना कर ,

       हम जिंदादिली की मिसाल थें कभीं ।।


       हर एक के दिल के करीब थें कभी ,

       अब सबसे ना कर इन जिस्मों की जान थें कभीं ।।



12 ) खुलें आसमान की सैर करने में ,

       बात जान तक बन आती हैं।।


       लोगों को बस आसमान दिखता है,

       इसके पीछे का भयानक मंज़र नज़र नहीं आता हैं।।



13 ) तेरे जैसे कि तलाश नहीं करता अब मैं,

        मुझे तू चाहिएं किसी भीं कीमत पर,

        चाहे फ़िर मुझे क़ीमत मेरी जान देकर ही क्यों ना करनी पड़ जाएं ।।



14 ) मुझे नफ़रत के बाज़ार में अकेला ना छोड़ना ,

        मैं इसके काबिल तो नहीं ,

        मैं इस नफ़रत के बाजार में कभी आया नहीं ।।



15 ) भूल जाओगे हमें किसी रोज़ तुम ,

        यूं सारी उम्र हमारे होने की बात पर,

        दिल घबराने लग जाता हैं ।।



~~ आशुतोष दांगी 


   


          

    

 

      

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