Header Ads

Top 15 Best shayari , हम पेश करते हैं शायरी कि दुनिया हिलाने वाली बेस्ट शायरी, 

ये शायरी आपको सोचने पर मज़बूर कर देगी ।।


आपके सोचने कि क्षमता को बदल देगी , शायरी सही मायने में क्या होती हैं आपको बताएंगी,


शायरी सिर्फ शब्द ही नहीं होते वे आपके जज़्बात होते हैं, जो शब्दों के अंदाज़ में निकल आते हैं। जो आप महसूस करते हैं। उसे आसान और जज़्बात के तरीके को शब्दों से पेश कर सकते हैं।।


 1 ) हम अपनी कस्ती को डूबता देख रहें थें,

     किनारे से ये नज़ारा तबाही का ।।


     दिल चाहता था बचाना उसको,

     मग़र हम बेबसी की ज़ंजीरों में जकड़े हुएं थें ।।



2 ) आज आसमान में परिंदों का महकमा कुछ ज़्यादा हैं ,

     लगता हैं पेड़ों पर कोई शातिर शिकारी उतर आया हैं ।।


     इनकी आबादी का सफ़र बस तब तक हैं,

     जब तक जान इनके पंखों में हैं ।।



3 ) जंगल के नियम को समझने में भूल ना करना ,

     यहां ग़लती की सज़ा मौत हैं ।।

 

     अपने हौसलों की उड़ान सम्भल कर उड़िये,

     ज़रा से डगमगाएं और ज़िंदगी ख़त्म हैं ।।



4 ) कलियों ने खुदको फ़ूल बन जाने की नसीहत दी हैं,

      फूलों को अब भीं कली बनें रहना हैं ।।


      फ़ूल को तजुर्बा ये भीं हैं,

      जब तक ना खिले वो बचा हुआ हैं।।


      ज्यों ही खिला वो फ़िर उसे तोड़ लिया जाता हैं,

      अपनी दुनियां से अलग कर दिया जाता हैं ।।



5 ) अभी पंखों की ख़बर ना लो ,

      अभी तो नये नये ये आएं हैं ।।


      एक ज़माना गुज़र जाएगा ,

      इन्हें अपनी उड़ान भरनें में ।।



6 ) कभी दरिया सा रहने वाला मैं ,

      अब एक बूंद को तरस रहा हूं ।।

  

     कभीं प्यासों की प्यास बुझा देता था मैं ,

     अब ख़ुद ही प्यासा मर रहा हूं मैं ।।



7 ) इश्क़ हो तो इज़हार करियें,

     इश्क़ में देरी का मतलब हैं उसे खो देना ।।


     उसे खो देनें से बेहतर तो यहीं होगा ,

     अपने जज़्बात उसे बयां कर दियें जाएं ।।



8 ) हम ज़िंदगी को मौत लिखने वालें लोग ,

     अपनी मर्ज़ी के विपरित चलने वाले लोग ।।


     मंज़िल का पता नहीं,

     उसको अंजान सफ़र में ढूंढ़ने वालें लोग ।।


     कभी किसी के दिल में ठहरेंगे ,

     क्या वहां से भीं निकाल दियें जायेंगे,

     जैसे हम हो केवल नफ़रत करनें वालें लोग ।।



9 ) आशुतोष सा होना भीं आसान नहीं ,

      अपने हक़ की बातों को भीं ,

      अपना नहीं कह सकता वो ।।

   

      ग़म के साहिलों पर खड़ा रहने वाला ,

      मोहब्बत को कैसे अपना सकता हैं वो ।।



10 ) माना कि हम किसी के काबिल नहीं,

       ख़ुद से नाराज़गी हम को बहुत हैं ।।


       मग़र अगर हम अपनी पर आ जाएं ,

       तो ऐसा कुछ नहीं जिसके काबिल हम नहीं ।।



11 ) मेरे बाद उसे बचाएं रखना ,

       वो नादान हैं ज़माने के रंग से ।।


      उसे ज़माने की नज़र से छुपाएं रखना ,

      वो सबको एक जैसा समझता है ।।



12 ) आँखें काज़ल सनी थीं उसकी ,

        उस रात को तूफ़ान भीं था ।।


        ख़त था ये कि इंतज़ार हैं तुम्हारा ,

        मग़र हमारी क़िस्मत को ये मंज़ूर ना था ।।

 

        वो इन्तज़ार में बैठी रहीं,

        जाने कब सांझ से रात हुईं ।।

  

        उसको ये था कि आऊंगा में ज़रूर,

        कोशिश मैं भीं यही कर रहा था ।।

   

        उस तूफ़ान को हमारा मिलना मंज़ूर ना था ,

        आँखें काजल सनी रह गईं,

        एक पल में मेरी जान चली गईं,

        सुबह जब हुईं तो उसकी रात हो गईं,

        मेरी अर्थी थीं और वो बर्बाद हो गईं ।।



13 ) उसने कहां था मरकर भीं ये वादा निभा जाना ,

       अगर में बुलाऊं तो मौत की नींद से चलकर भीं आ जाना ।।


      उसे ये पता हीं ना था कि मैं वादों का कच्चा हूं,

      मग़र फ़िर भीं में उसके इस वादें को निभा आया ।।


      उसने जब आवाज़ दीं,

      मैं मौत की बेड़ियों को उससे मिलने के लिएं तोड़ आया ।।


        कफ़न में था मैं एक आवाज़ में ,

        उसके आंखों के आंसुओं को समेट आया ।। 



14 ) उस से प्यारा तो कोई हो ही नहीं सकता मुझे ,

        उसके दिल में धड़कनों की तरह धड़कता हूं मैं ।।



15 ) ये हो सकें तो कोशिश पूरी करना ,

       जो वादा किया हैं उसे मरते दम तक निभा जाना ।।

   

      कहानी बहुत पुरानी हुईं,

      राँझे और हीर की ,

      लैला की उसके मजनू की ,

      अब कहानी जानेगी दुनिया अब हमारे और तुम्हारें प्यार की ।।



~~आशुतोष दांगी


कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.