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Heart break shayari

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Hindi heart break shayari 


1 ) एक समंदर हुआ करता था कभीं यहां,

     जाने वक़्त क्या चाहता है ।।

   

    सबकुछ ही तो तबाह कर दिया हैं,

    अब तो यहां एक बूंद के मोहताज हैं ।।



2 ) कभीं झील सी गहरी तेरी आँखों में डूब जाऊं मैं,

      मग़र मोहतरमा मुझपर जिम्मेदारियां बहुत हैं।।


      तू कहें तो तेरी आँखों का क़ाजल बन जाऊं,

      लेकिन बहता बहुत हूं मैं ।।


      कभीं तेरे दिल की धड़कन बन जाऊं ,

      लेकिन ठहरता बहुत हूं मैं ।।


      तेरे पाँव की पायल बन जाऊं ,

       लेकिन शांत रहता बहुत हूं मैं ।।



3 ) मुझको ढूंढने मैं ख़ुद ही निकल आया ,

     औरों के बस की बात नहीं हमको ढूंढने की ।।

 

    हम भीं जाने कहां खोएं हैं,

    मुमकिन नहीं हमें ढूंढ पाने की ।।


    अजनबी ये जगह हैं जहां मैं हूं ,

    अब तो उम्मीद नहीं मेरे घर आने की ।।



4 ) हम पहले जैसे ही हैं,

     अपने क़िरदार को बदल के देखों तुम ।।


    कहीं हम तुमको फ़िर पुराने से नज़र आ जाएं ,

     हो सकें जिस हाल में देखना चाहतें हो तुम ,

     उसी हाल में फ़िर से हो जाएं ।।



5 ) गुनाहों की मुआफ़ी मौत ही क्यों ,

      इस से कम गुनहगार वैसे भीं नहीं ।।


      हमनें हर एक चीज को ठुकराया हैं,

      अब मौत से बेहतर कुछ नहीं ।।



6 ) किसी को नजरअंदाज कर रहा हैं दिल ,

     अपनी मनमानी कर रहा हैं दिल ।।


    हम से तस्वीरें मिटाने की गुजारिश कर रहा हैं दिल ,

    किसी की यादों से बहुत दूर ले जाने का कह रहा हैं दिल ।।



7 ) हम भूलें भटकों का ठिकाना घर तो नहीं ,

     आशियाना ख़ूबसूरत हो मग़र घर जैसा घर नहीं ।।


     किसे मंज़ूर हैं निकल जाना अपने ही घर से ,

     मग़र हमारी क़िस्मत में इसके सिवा कुछ नहीं।।


8 ) मेरे दिल टूट जाने का दर्द जानते हैं बस दो लोग ,

     एक रोता हुआ मैं और आईने को घूरता हुआ ये शख़्स ।।


      ये भीं साथी कुछ देर का ही हैं,

      फ़िर इस बात को भूल मैं भी जाता हूं ,

      जो मैं चुप हो जाता हूं ।।



9 ) चांद से ख़ूबसूरत क्या हो सकता हैं,

      पूर्णिमा के चांद सी ख़ूबसूरती नहीं ।।


     उसको ग़ुमान होने लगा था उससे ख़ूबसूरत कुछ नहीं,

     किसी ने बात फ़िर अमावस्या की छेड़ दी ,

     फ़िर चांद की ख़ूबसूरती कुछ नहीं ।।



10 ) भंवरों को महकना भाता हैं,

       फूल इस बात से इतराता हैं ।।


      ये जो भंवरा हर फूल पे मंडराता हैं,

      ये क्यों बस किसी एक का नहीं हो जाता हैं ।।



11 ) हम सावन के अंधों को हरियाली के सिवा कुछ नज़र नहीं आता ,

       इस बात से रेगिस्तान नाराज़ सा लगता हैं ।।


      हम जो हर जगह हरियाली समझते हैं,

      इस बात से रेगिस्तान जैसों के दिलों में आग से जलते हैं,

      वो इतना गर्म मिज़ाज ना था ,

       हमारी बातों पे वो इतना जलने लगता हैं ।।



12 ) उर्दू की ज़ुबान को समझिएं,

       मोहब्बत का दूसरा नाम है उर्दू ।।


      हो बात अगर इज़्ज़त की ,

      तहज़ीब से पेश आना है उर्दू ।।


      किसी का काम बनवाना हो ,

      हर समस्याओं का समाधान हैं उर्दू ।।



1 3 ) कुछ ने मज़हब बांटे,

        लोगों ने उन्हें ख़ुदा बनाया ।।


       उन ने फ़िर भगवान बदलें ,

     लोगों ने उन्हें अपना भगवान बनाया ।।


अब वो ख़ुद को ख़ुदा समझने लगें,

       उन्होंने सरेआम कत्लेआम मचाया ।।

14 ) तेरी मोहब्बत में बर्बाद हुएं हैं हम ,

       हमसे हमारी इस हालात का ना पूछ ।।


       इन सभी का जिम्मेदार केवल तू हैं,

       अपनी ज़िम्मेदारी सरेआम ले अब ।।



15 ) रियाशतें लुट गईं अब भीं ख़ुद को ख़ुदा समझ रहें हो ,

       वक़्त ने करवट ले लीं ,

       तुम अब भीं इसे अपना वक़्त समझ रहें हो ।।



~~आशुतोष दांगी 


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