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Heart break shayari-: बेस्ट हार्ट शायरी , आपके लिए लाएं हैं हम top 15 sad shayari, जो कि बेवफाओं के लिए हैं। इसमें हमने दिल टूटने के बाद जो दर्द होता हैं उसे लिखा गया हैं ।।


आपका दिल टूटा हैं तो आपके लिए ये पेज बेस्ट शायरी लाया हैं। इन्हें पढ़ने के बाद आप बेवफा सनम को भूल जाओगे उसके अक्स को भी मिटा दोगे ।।

💔💔💔💔


1 ) उन्होंने एक पल रुकने को कहा था,

     हम एक उम्र से ठहरे हैं यहां ।।


     वो लौट आने की बातों को भूल गया हैं,

     हम जाने कितनी सदियों के साथी बन गएं हैं यहां ।।



2 ) तेरी चाहतों का सितम हैं ये की ,

     हम अपनी मर्ज़ी के भीं ख़िलाफ़ में हैं ।।


    और तो क्या ही कहें तुझे ,

     तेरी फ़िक्र में हम अपनी जान सुखाते हैं ।।



3 ) हम ने आईने को देख के जाना ,

     हमारी निगाहों में सबसे ख़ूबसूरत इंसान रहता हैं।।


  

4 ) हम सच को सच कहतें फिरें,

     वे सच को कहां सच मानते हैं ।।

 

     झूठ ने एक दस्तक दी ,

     मानने वाले झूठ को ही सच मानते हैं ।। 



5 ) उसे इस बात से परवाह नहीं ,

      की हमारे दिल पर क्या गुजरती हैं।।


     वो अपनी नादानियों में मशरूफ़ रहता हैं,

     ताज़ा ज़ख्म हैं कुछ उनपर वो नमक छिड़क देता हैं।।



6 ) दिल टूट ही गया ,

     अपना सबकुछ छूट ही गया ।।


     और तो क्या था हासिल हमें,

     उसके होनें से ख़ुश हो लेते थें कभीं,

     अब वो भीं रूठ ही गया ।।



7 ) कब तक हम भीं यूं रोतें रहेंगे ,

     कब तक किसी पर जान लुटाते रहेंगे ।।

    

     मोहब्बत थीं बहुत ख़ूब हमको ,

     कब तक इन निगाहों से ख़ुद को गिराते रहेंगे ।।



8 ) ना उम्मीदी की आंधी ना चला ,

      तूफ़ान से बच आया हूं मैं 

      एक तेरे वादें पर मौत से लड़ आया हूं मैं ।।



9 ) वक़्त अब हमारे हक़ में नहीं हैं,

      किसी और पहलू में जाने लगा हैं,


      कभीं हमें अपना सा लगता था ,

      अब किसी और शहर जाने लगा हैं।।



10 ) मैं शहर से दूर हूं ,

       जाने कितना मजबूर हूं ।।


      चाहता नहीं सब तबाह करना,

      मैं अपने ही फ़ैसलों से ना मंज़ूर हूं ।।



11 ) मुमकिन तो ये हैं भीं नहीं ,

       की हम तुझे भूलने लग जाएं ।।


       किसी और की यादों में ,

       आने लग जाएं बस दिल चाहता हैं,

       तेरे हैं और तेरे ही होकर रह जाएं ।।



12 ) जिनसे उम्मीद ना थीं,

        वे आशियाना हमारा मिटा रहें हैं ।।


       हम उनको ही मानते थे सबकुछ ,

        वे हमारा सबकुछ लूट रहें हैं ।।



13 ) बेहतर ये होगा अब फ़ासलों को हम अकेले तय करने लग जाएं ,

       और तो किसी से उम्मीद ना करें कुछ ,

       अपनी क़िस्मत को दोष देने लग जाएं ।।



14 ) ये भी कश्मकश बड़ी अजीब हैं,

       हम जो चाहते नहीं उसे करने लग जाएं ।।

  

      मन का क्या हैं एक नईं राह पर लगानें लग जाएं,

      उस राह को एक उम्र के बाद ख़ूबसूरत सी सजाने लग जाएं ।।



15 ) तेरे बाद इस शहर से निकल जाने को जी चाहता हैं,

     अपना मुक़ाम ढूंढने को जी चाहता हैं।।


     तेरे होने से आबाद था ये शहर ,

     अब इसे रेगिस्तान सा करने को जी चाहता हैं ।।



~~ आशुतोष दांगी 

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