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Heart break shayari

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Heart break shayari-: बेस्ट हार्ट शायरी , आपके लिए लाएं हैं हम top 15 sad shayari, जो कि बेवफाओं के लिए हैं। इसमें हमने दिल टूटने के बाद जो दर्द होता हैं उसे लिखा गया हैं ।।


आपका दिल टूटा हैं तो आपके लिए ये पेज बेस्ट शायरी लाया हैं। इन्हें पढ़ने के बाद आप बेवफा सनम को भूल जाओगे उसके अक्स को भी मिटा दोगे ।।

💔💔💔💔


1 ) जाने कौनसी नौका पर सवार हो बैठें हम,

     जो डूबे थें उन्हें तक किनारा हासिल हो गया ।।


     हम नौका की सवारी में ही रह गएं,

     सोचा कि आसान हैं मंज़िल,

     एक अरसा हो गया और इसी सफ़र के होकर रह गएं हम ।।



2 ) हमनें कोशिश में समन्दर सा रेगिस्तान साफ कर दिया ,

     हमको हासिल तिनके भर भीं नहीं वो ।।


     ना जाने किस तरह इस फ़ैसले पर क़ायम रहें हम,

     बाकी हर फ़ैसले को एक पल में मिटा आएं हम ।।



3 ) दरों दीवार चाहें लाख कितनी भीं कोशिश क्यों न कर लें,

     फिज़ा को क़ैद करना कोई आसान काम तो नहीं ।।


     हमनें भी कोशिश की लाख मगर ,

     पंख काटने से उड़ने का हुनर नहीं भुला करते ,

     कटे हुएं पंख हैं वापिस उगते जरूर हैं।।



4 ) मैं ख़ुद को तलाशता हुआ ,

     बड़ी दूर निकल आया हूं ।।


    पहले कुछ मेरे जैसा दिखता था,

    अब उस से भीं कोषों दूर निकल आया हूं ।।



5 ) साथ क़िस्मत का ना हो तो क्या कीजियें,

      मेहनत भीं कब तलक साथ दें ।।


     भाग्य में लिखा हीं नहीं कुछ ,

     तो लकीरों को क्या दोष दें ।।



6 ) हम इस बात से परहेज़ करतें रहें ,

     की हम किसी डगर भटके ही नहीं ।।

  

     सच ये हैं कि हमें मंज़िल का पता कभी मिला हीं नहीं ,

     हम सफ़र को तलाशतें रहें और सफ़र का भीं पता नहीं ।।



7 ) कुछ की बातें अजीब थीं,

     कुछ का तरीका काबिल ना था ।।


     मैं गुमराह बना रहा ,

     ये ज़माना बड़ा अजीब था ।।



8 ) हम अपनी हस्ती को मिटा देना चाहते थें,

     मग़र ये भीं कहां मुमकिन था ।।


    वर्षों की बनी इमारत पल भर में ,

    कैसे बिखर जाती ।।



9 ) ज़िंदगी की तलाश में जाने क्या तलाश बैठें हैं हम,

     सुकून का एक पल नहीं ।।


     जो कुछ हासिल था वर्षों से ,

     अब तो उसका भीं पता नहीं ।।



10 ) कभीं सुनो हमारे दिल की बातें ,

       हम तनहाई को पसंद करने वालें लोग

   

       बहुत कुछ छुपा के रखते हैं दिल में,

       तुम हाथ थाम के पूछोंं कभीं,

       फ़िर हम भीं बन जायेंगे किस्सा बयां करने वाले लोग ।।



11 ) हमसे जुदा ना हो कुछ तो ख़्याल इस दिल का कर,

      तेरे बग़ैर ये किसी और की मानता भीं तो नहीं हैं।।


      तेरे बताएं वादें पर उम्र गुज़ार दी हमनें,

      ये किसी और वादें को मानता भीं तो नहीं हैं।।



12 ) मेरे मेहबूब सा कोई हैं भीं तो नहीं,

       वो सांझ को खूबसूरत और सुबह को हसीन कर दें।। 

   

      उसके जैसा होनें में ना जाने कितनी उम्र गुजारनी होती हैं ,

       वो चाहे अगर तो अमावस्या की रात को चांदनी कर दें ।।



13 ) हम जिनसे बिछड़े वे कहीं के ना रहें फ़िर,

       हम पत्थर को भीं ख़ुदा समझ के पूजा करतें थे।।


      औरों ने फ़िर पत्थर को बस पत्थर समझा ,

      हम हर बेकार चीज को सिर आंखों पर रखते थे ।।



14 ) वो एक अरसे बाद नज़र आया हमको ,

       अब उसे पहले जैसा कैसे देखें ।।


      माना जो अपना था कभीं एक ज़माने में,

      अब उसे अपनी निग़ाह से अपना कैसे देखें।।


     आँखें भर तो आती हैं अब ,

     ज़रा ज़रा में उनको नाम आंखों से कैसे देखें ।।



15 ) हम दिल की सुनने वालें,

       दिमाग़ से कहाँ काम लेते हैं।।


      किसी ने कहाँ आप ही सबकुछ हैं,

      बस उनको ख़ुदा बना लेते हैं।।



~~ आशुतोष दांगी 

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